ग्लूकोमा या काला मोतियाबिंद क्या है – जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज के तरीके ?
ग्लूकोमा और मोतियाबिंद दो सामान्य नेत्र स्थितियां है, जिनका उपचार न किए जाने पर दृष्टि पर काफी प्रभाव पड़ सकता है। दोनों स्थितियां आंखों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करती है, जिससे विभिन्न लक्षण पैदा होते है और अलग-अलग उपचार दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, तो चलिए जानते है ग्लूकोमा के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में ;
ग्लूकोमा (Glaucoma) काला मोतियाबिंद क्या है ?
- ग्लूकोमा (Glaucoma) आंख से जुड़ी एक बीमारी है, इसे काला मोतियाबिंद भी कहा जाता है। यह बीमारी ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचा सकती है। बता दें कि ऑप्टिक नर्व के जरिए ही आंख से देखी गई जानकारी आपके मस्तिष्क तक पहुंचती है। आमतौर पर आंख के अंदर असामान्य रूप से बहुत अधिक दबाव के कारण ग्लूकोमा होता है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता।
- समय के साथ आंख के अंदर बढ़ा हुआ दबाव ऑप्टिक नर्व के उत्तकों को नष्ट कर सकता है, जिससे नजर कमजोर होने के साथ ही अंधापन भी हो सकता है। अगर ग्लूकोमा की पहचान जल्दी कर ली जाती है तो आपके आखों की रोशनी को और अधिक नुकसान से बचाया जा सकता है।
काला मोतियाबिंद की समस्या से अगर आप भी परेशान है, तो इसके लिए आपको मोतियाबिंद का इलाज जरूरसे करवाना चाहिए, इससे पहले की स्थिति ज्यादा बढ़ जाए।
ग्लूकोमा के लक्षण क्या है ?
- आंखों में तेज दर्द।
- जी मिचलाना।
- उल्टी की समस्या।
- आंख का लाल होना।
- नजर में अचानक गड़बड़ी का होना।
- रोशनी के चारों ओर रंगीन छल्ले दिखना।
- अचानक धुंधला दिखना, आदि।
यदि आपको ग्लूकोमा के दौरान गंभीर लक्षण नज़ए आए तो इसके बचाव के लिए आपको पंजाब में आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर का चयन करना चाहिए।
ग्लूकोमा के कारण क्या है ?
- पुतली को फैलाने के लिए इस्तेमाल होने वाली आई ड्रॉप।
- आंख से पानी निकलने की नली का बाधित का क्षतिग्रस्त होना।
- कोर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसी दवाएं।
- आपकी ऑप्टिक नर्व में रक्त प्रवाह कम या ठीक न होना।
- उच्च रक्तचाप आदि।
ग्लूकोमा से बचने के उपाय !
दोनों स्थितियों के लिए उपचार के विकल्प मौजूद है, निवारक उपाय करने से ग्लूकोमा और मोतियाबिंद के विकास के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। शीघ्र पता लगाने और शीघ्र उपचार के लिए आंखों की नियमित जांच महत्वपूर्ण है।
इसके अतिरिक्त, एक स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना, आंखों को यूवी किरणों से बचाना और मधुमेह जैसी अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों का प्रबंधन करना इन आंखों की स्थितियों के विकास के जोखिम को काफी कम कर सकता है।
ग्लूकोमा या काला मोतियाबिंद का इलाज क्या है ?
दवाएं :
इंट्राओक्यूलर प्रेशर यानी IOP को कम करने के लिए कई तरह की दवाएं उपलब्ध है, यह दवाएं आई ड्रॉप और गोलियों के रूप में मौजूद है, लेकिन इनमें दवाएं ही प्रमुख है। आपके डॉक्टर इनमें से कोई एक दवा या कुछ दवाओं को मिलाकर आपको दे सकते है।
सर्जरी :
अगर कॉर्निया और आईरिस में चैनलों में ब्लॉकेज है या प्रवाह स्लो होने के कारण IOP बढ़ रहा है, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते है। इसमें वह ड्रेनेज को फिर से बनाते है, ब्लॉकेज का कारण बन रहे टिश्यू को रास्ते से हटाते है।
वहीं एंगल क्लोजर ग्लूकोमा का इलाज बिल्कुल अलग तरह से होता है, क्योंकि यह एक आपात स्थिति होती है, इसलिए इसमें तुरंत इलाज का निर्णय लिया जाता है, ताकि आंख पर पड़ रहे दबाव को कम किया जा सके। शुरुआत में दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसकी सफलता की संभावना कम ही होती है।
इसके अलावा लेजर प्रक्रिया भी अपनाई जा सकती है, जिसे लेजर पेरिफेरल इरिडोटॉमी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में आपके आईरिस में छोटे-छोटे छेद बनाए जाते है, जिससे कि फ्लूइड आसानी से बह सके।
अगर आपके मोतियाबिंद की समस्या गंभीर है, तो इससे बचाव के लिए आपको मित्रा आई हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।
निष्कर्ष :
- ग्लूकोमा और मोतियाबिंद दोनों ही किसी की दृष्टि और जीवन की गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते है। शीघ्र पता लगाने और समय पर हस्तक्षेप के लिए उनके लक्षणों, कारणों और उपलब्ध उपचारों को समझना महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से आंखों की जांच कराने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में सक्रिय रहकर, व्यक्ति अपने जोखिम को कम कर सकते है और इन स्थितियों का बेहतर प्रबंधन कर सकते है। यदि दृष्टि से संबंधित किसी भी असामान्य लक्षण का अनुभव हो, तो उचित निदान और उपचार के लिए नेत्र देखभाल पेशेवर से परामर्श करना आवश्यक है।
- ग्लूकोमा के मामले में, इंट्राओकुलर दबाव का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है, जबकि मोतियाबिंद के लिए, धुंधले लेंस को बदलने के लिए सर्जिकल हस्तक्षेप सबसे प्रभावी उपचार है। कुल मिलाकर, प्रारंभिक पहचान और समय पर उपचार दृष्टि को संरक्षित करने और आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने की कुंजी है।
- वहीं सूचित और सक्रिय रहकर, व्यक्ति अपनी दृष्टि और समग्र कल्याण की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा सकते है।