मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद किन तरीकों से करें अपनी आंखों की देखभाल और की चीज़ों से रखें परहेज़
मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लासिक लेज़र सेंटर के सीनियर कंसलटैंट डॉक्टर अक्षय मित्रा ने अपने यूट्यूब चैंनले में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह बताया की जब भी आप मोतियाबिंद की सर्जरी करवाने जाते है तो इस बात का ज़रूर ध्यान रखें की कौन सी मशीन का उपयोग कर इस सर्जरी को किया जा रहा है |
आपको बता दें कि, मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लासिक लेज़र सेंटर में इस मोतियाबिंद सर्जरी को बड़े सहज और आसानी से किया जाता है | इस सर्जरी की प्रक्रिया में सबसे पहले आंख के लेंस को निकालकर उसकी जगह पर कृत्रिम लेंस का इम्प्लांट कर दिया जाता है, इसके साथ ही उस कृत्रिम लेंस के पावर को निकालना बेहद ज़रूरी होता है | इस लेंस की पावर को निकालने के लिए जिस मशीन का उपयोग किया जाता है, उस मशीन को आईयूएल मास्टर कहा जाता है |
डॉक्टर अक्षय मित्रा ने यह भी बताया कि इस मशीन की लागत काफी ज़्यादा होने के कारण, यह आईयूएल मास्टर मशीन हर हॉस्पिटल और संस्था में उपलब्ध नहीं होती है | लेकिन घबराएं नहीं, पूरे डिस्ट्रिक्ट में यह मशीने सिर्फ मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लासिक लेज़र सेंटर एकलौती ऐसी संस्था है, जिनके पास यह मशीन उपलब्ध है | इस मशीन के माध्यम से मरीज़ की आंखों में इम्प्लांट कृत्रिम लेंस की पावर और नंबर को बड़े ही एक्यूरेट तरीके से निकाला जाता है, जिससे मरीज़ को आंखों की सही दृष्टि प्राप्त हो सके |
यदि आपके आंखों का विज़न मोतियाबिंद सर्जरी के बाद बिलकुल भी एक्यूरेट नहीं हो पायी है तो इसमें मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लासिक लेज़र सेंटर आपकी संपूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसलटैंट डॉक्टर अक्षय मित्रा ऑप्थल्मोलॉजिस्ट में स्पेशलिस्ट है जो इस समस्या को आईयूएल मास्टर मास्टर की मशीन की सहायता के साथ कम कर सकते है | इसलिए आज ही मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लासिक लेज़र सेंटर नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट पर दिये गये नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |
इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखिए | इसके अलावा मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लासिक लेज़र सेंटर नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |