मोतियाबिंद के क्या है लक्षण, कारण, प्रकार व इलाज की संपूर्ण प्रक्रिया ?
मोतियाबिंद में अकसर हम दूर या पास का स्पष्ट रूप से देखने में सक्षम नहीं हो पाते जिसकी वजह से हमें कम दिखाई देता है, हमें गाड़ी ड्राइव करने में समस्या आती है, या कई दफा हम दूसरे व्यक्ति के चेहरे के भावों को नहीं पढ़ पाते है, अगर आपको खुद में ऐसी समस्या नज़र आए तो समझ ले की आपके आंखों में मोतियाबिंद विकसित हो रहा है।
मोतियाबिंद क्या है ? इसके लक्षण, कारण, प्रकार व इलाज कैसे किया जा सकता है, इसके बारे में जानना आँखों के लिए बहुत जरूरी है, तो जानते है की आखिर क्या है मोतियाबिंद की समस्या ;
क्या है मोतियाबिंद ?
- जब आंख का प्राकृतिक लेंस अपारदर्शी हो जाये तो उसे कैटरेक्ट या मोतियाबिंद कहते है।
- सामान्यतः आँखों के लेंस के माध्यम से ही प्रकाश रेटिना पर प्रतिबिम्ब बनाता है, यह प्रतिबिम्ब तंत्रिका तंत्र के द्वारा मस्तिष्क पर प्रकाश पुंज के वास्तविक प्रतिबिम्ब का आभास करता है, लेकिन जब प्राकृतिक लेंस अपारदर्शी हो जाता है जिसके कारण प्रकाश रेटिना तक सही ढंग से नहीं पहुँच पाता है, अतः प्रतिबिंब धुंधला दिखाई देने लगता है।
अगर आपको कोई भी चीज देखने में दुविधा का सामना करना पड़ रहा है, तो इसके लिए आपको पंजाब में आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर का चयन करना चाहिए।
मोतियाबिंद के कारण क्या है ?
- उम्र का बढ़ना।
- डायबिटीज की समस्या।
- अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करना।
- सूर्य के प्रकाश का अत्यधिक एक्सपोजर।
- मोतियाबिंद का पारिवारिक इतिहास।
- उच्च रक्तदाब।
- मोटापे की समस्या।
- आंखों में चोट का लगना या सूजन की समस्या।
- पहले हुई आंखों की सर्जरी।
- धुम्रपान का सेवन करना आदि।
मोतियाबिंद के कितने प्रकार है ?
- मोतियाबिंद को दो भागों में बाटा गया है, जैसे- सफेद मोतिया और काला मोतिया,
- सफेद मोतिया में उम्र बढ़ने के साथ ही ये आपके आँखों के लेंस को धुंधला कर देते है और आँखों के कुदरती लेंस के ऊपर सफ़ेद झिल्ली आजाती है, जो की आपकी दृष्टि को दिन प्रति दिन प्रभावित करती है।
- वहीं काला मोतिया की बात करें तो ये एक खतरनाक अवस्था है जिसमे आँखों की दृष्टि समय के साथ सिमटती जाती है, और अगर समय पर इसका इलाज न कराया जाये तो ये अंधेपन के क़रीब आपको ले जा सकती है।
मोतियाबिंद के लक्षण क्या है ?
- सूरज या दीपक का प्रकाश बहुत उज्ज्वल या चमकता हुआ प्रतीत होना।
- रात में गाड़ी चलाते समय सामने से आने वाली हेडलाइट्स पहले की तुलना में अधिक चमकदार लगने लगेगी।
- दोहरी दृष्टि की समस्या।
- रात में या कम रोशनी में देखना ज्यादा मुश्किल होता है।
- रंग उतने चमकीले नहीं दिखाई पड़ते जितने पहले दिखते थे।
दूर या पास की चीजों को देखने में अगर आप भी असमर्थ है तो इसके लिए आपको पंजाब में लेसिक सर्जरी का चयन करना चाहिए।
मोतियाबिंद से कैसे करें खुद का बचाव ?
- मोतियाबिंद से बचाव के लिए आपको अपने खान-पान पर पूरा ध्यान देना चाहिए और हेल्थी चीज़े खाएं ज़्यादा तर विटामिन-सी और विटामिन-आई से भरपूर चीज़े ले जैसे की पालक, गोभी, शलगम, साग, और अन्य पत्तेदार साग।
- स्मोकिंग से बचे, स्मोकिंग करने से अन्य बीमारियों के अलावा आँखों में मुक्त कण (फ्री रेडिकल्स) पैदा हो जाते है, जो आँखों को नुकसान पहुँचाने का काम करते है।
मोतियाबिंद का इलाज क्या है ?
- मोतियाबिंद के इलाज के लिए ऑपरेशन ही एकमात्र विकल्प है।
- वहीं इस ऑपरेशन में डॉक्टर द्वारा अपारदर्शी लेंस को हटाकर मरीज़ की आँख में प्राकृतिक लेंस के स्थान पर नया कृत्रिम लेंस आरोपित किया जाता है, कृत्रिम लेंसों को इंट्रा ऑक्युलर लेंस कहते है, और इस लेंस को उसी स्थान पर लगा दिया जाता है, जहां आपका प्राकृतिक लेंस लगा होता है।
- सर्जरी के पश्चात मरीज़ के लिए स्पष्ट देखना संभव होता है। हालांकि पढ़ने या नजर का काम करने के लिए निर्धारित नंबर का चश्मा पहनने की ज़रूरत आपको पड़ सकती है।
अगर आप भी मोतियाबिंद की समस्या से बचाव करना चाहते है तो इसके लिए आपको मित्रा आई हॉस्पिटल से इस सर्जरी का चयन करना चाहिए।
निष्कर्ष :
आँखों में मोतियाबिंद का होना काफी खतरनाक समस्या है, इसलिए जरूरी है आप इससे बचाव के लिए डॉक्टर का चयन करें, वहीं अगर आपको डायबिटीज की समस्या है तो आपको आँखों की सर्जरी को करवाने में देर नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आँखों के बचाव के लिए आपको उचित आहार का भी अच्छे से सेवन करना चाहिए।