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ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी आँखों के लिए कितना है फायदेमंद !
बिना ब्लेड वाली लेसिक सर्जरी यानी ब्लेडलेस लेसिक एक प्रकार की अपवर्तक सर्जरी है, जो कॉर्निया के आकार को बदलकर आपकी दृष्टि में सुधार करती है। यह लेजर पर आधारित सर्जरी मानी जाती है, जो चीरों को बनाने के लिए स्केलपेल के बजाय फेम्टोसेकेंड लेजर का उपयोग करती है। इस सर्जरी की मदद से हम कैसे अपने आँखों से देखने में समर्थ हो पाते है, इसके बारे में चर्चा करेंगे ;
क्या है ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी ?
- बिना ब्लेड वाली लेसिक सर्जरी आंखों की लेजर सर्जरी का लोकप्रिय और प्रभावी प्रकार है, जिसमें आईड्रॉप या ब्लेड की जरूरत नहीं होती है। इस प्रक्रिया में सर्जन आंख का लेंस हटाने के लिए नई तकनीक का उपयोग करते है।
- यह सर्जरी कंप्यूटर कंट्रोल लेजर की मदद से की जाती है। इससे आपके मौजूदा लेंस को तब भी हटाया जा सकता है, जब आप जाग रहे होते है और यह आपको बिना किसी निशान के साफ, बिना निशान वाली दृष्टि देती है।
- इस लेसिक प्रक्रिया के कई अलग-अलग प्रकार है, जिनमें से प्रत्येक के अपने फायदे और जोखिम है। ऐसे ही सबसे आम प्रकार को एपिथेलियल लेसिक कहते है। प्रक्रिया में सर्जन लेजर की गर्मी से बचाने के लिए नेत्रगोलक के ऊपर त्वचा की पतली परत बनाते हैं। इसके बाद आपके मौजूदा लेंस को हटाने के लिए खास लेजर का उपयोग किया जाता है।
- वहीं इस प्रकार की सर्जरी का उपयोग अक्सर निकटदृष्टि, दूरदृष्टि और दृष्टिवैषम्य के इलाज में किया जाता है।
अगर आप अपने आँखों की दृष्टि से दूर या पास का देखने में असमर्थ है तो इसके लिए आपको पंजाब में लेसिक सर्जरी का चयन करना चाहिए।
ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी के कितने प्रकार है ?
- ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी दो प्रकार की होती है, जिनमे सब-एपिथेलियल और मेटा-लेसिक शामिल हैं।
- वहीं सब-एपिथेलियल लेसिक में सर्जन मौजूदा लेंस को हटाए बिना नेत्रगोलक के ऊपर त्वचा की पतली परत बनाते है। फिर वह आपके लेंस की कुछ बाहरी परतों को काटते है, ताकि रोशनी ज्यादा आसानी से जाए और अंदर के ऊतकों को खत्म कर सके।
- मेटा-लेसिक से आपको अच्छे दृष्टि संबंधी नतीजे नहीं मिलते है। मेटा-लेसिक में मौजूदा लेंस को पूरी तरह हटाना और लेजर से बनाए गए नए लेंस का उपयोग शामिल है। ऐसे में आपको बेहतरीन नतीजे प्राप्त करने के लिए अन्य सर्जरी की जरूरत हो सकती है।
अगर आप उपरोक्त दोनों में से किसी एक सर्जरी को करवाना चाहते है तो इसके लिए आपको पंजाब में आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर का चयन करना चाहिए।
ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी के फायदे क्या है ?
- इस सर्जरी में जटिलताओं का जोखिम काफी कम होता है।
- ब्लेडलेस लेसिक का एक अन्य फायदा यह है कि इसमें मरीज़ जल्दी ठीक हो जाते है। ब्लेडलेस लेसिक के साथ आप आमतौर पर अगले दिन अपनी सामान्य गतिविधियों में वापस आ सकते है। इसके अलावा सर्जरी के तुरंत बाद आपको कुछ असुविधा और धुंधली दृष्टि हो सकती है, लेकिन यह जल्द अपने आप दूर हो जाती है।
- पारंपरिक लेसिक की तुलना में ब्लेडलेस लेसिक ज्यादा सटीक है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सर्जरी के दौरान सर्जन की आंख का बेहतर नजरिया होता है। यह कम जटिलताओं और उच्च सफलता दर में मदद करता है।
- बेहतर दृष्टि भी इस सर्जरी का चयन करने के बाद व्यक्ति को मिलती है।
ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी का चयन किन्हे करना चाहिए !
- जिनकी कम से कम 18 साल की उम्र हो।
- कम से कम दो वर्षों के लिए एक दृष्टि का बिना बदलने वाला प्रिस्क्रिप्शन लिया हो।
- आंखों के स्वास्थ्य से संबंधित कोई अन्य गंभीर समस्या ना हो।
ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी के जोखिम क्या है ?
- इस सर्जरी की वजह से आपकी आंखें कई बार सूख जाती है।
- चकाचौंध दृष्टि का भी कई बार आपको सामना करना पड़ सकता है।
- कम दृष्टि की समस्या का भी आपको सामना करना पड़ सकता है।
- आंखों का इंफेक्शन भी कई बार आपको हो सकता है।
- आँखों में निशान भी पड़ सकते है।
- आंख का कैंसर जैसी समस्या का भी कई बार आपको सामना करना पड़ सकता है।
ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !
- आप इस सर्जरी को चाहें तो मित्रा आई हॉस्पिटल से भी करवा सकते है, पर इस सर्जरी के लिए अनुभवी सर्जन का ही सहारा लें।
- वहीं अगर आप इस सर्जरी को इस हॉस्पिटल से करवाते है तो यहाँ पर इसका इलाज आधुनिक उपकरणों की मदद से किया जाता है।