मायोपिया जिसे निकटदर्शीता और निकट दृष्टि दोष के नाम से भी जाना जाता है। और यह भी हाइपरोपिया या एस्टिग्मेटिज्म जैसी एक सामान्य बीमारी है। मायोपिया के इलाज में किस तरह के लेंस का चयन किया जाता है इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे, तो आप भी अगर मायोपिया से संबंधित अन्य बातों के बारे में जानना चाहते है तो इसके लिए लेख के साथ अंत तक बनें रहें ;
किसे कहा जाता है मायोपिया ?
- मायोपिया होने पर आँखों में जानी वाली रौशनी रेटिना पर केंद्रित न होकर, उसके आगे केंद्रित हो जाती है। नतीजतन, मरीज को दूर की वस्तुएं धुंधली दिखाई पड़ती है। मायोपिया कई कारणों से होती है। इसके मुख्य कारणों में टेलीवजन, मोबाईल या लैपटॉप स्क्रीन के सामने घंटों समय गुजारना है, किताब पढ़ते या स्क्रीन देखते समय आवश्यक दूरी का ध्यान न रखना शमिल है।
- वहीं आमतौर पर, नेत्र रोग विशेषज्ञ मायोपिया का निदान इसके लक्षणों के आधार पर करते है। इसके मुख्य लक्षणों में दूर की वस्तुओं का धुंधला दिखाई पड़ना, आँखों पर जोर पड़ना, जोर पड़ने के कारण सिर में दर्द होना और रात के समय गाड़ी चलाने में परेशानी का होना शामिल है।
- अगर आप खुद में मायोपिया के लक्षणों को देखते है या इस बीमारी से पीड़ित है तो बिना देरी किए एक अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
मायोपिया के इलाज में किस तरह के लेंस का प्रयोग किया जाता है ?
- मायोपिया का इलाज कई तरह से किया जाता है। इसमें नॉन-सर्जिकल और सर्जिकल प्रक्रियाएं शामिल है। मायोपिया के नॉन-सर्जिकल इलाज में चश्मा और कॉन्टेक्ट लेंस तथा सर्जिकल इलाज में कई प्रक्रियाएं शामिल है।
- आमतौर पर मायोपिया का इलाज करने के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस के इस्तेमाल का सुझाव देते है। चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस का काम आँखों में आने वाली रौशनी को रेटिना पर केंद्रित करना होता है। इस चश्मे या कॉन्टेक्ट लेंस में जिस प्रकार के लेंस का इस्तेमाल किया जाता है उसे अवतल लेंस कहते है।
- चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस को मायोपिया का सटीक इलाज नहीं माना जाता है। इस बीमारी के गंभीर होने पर मोतियाबिंद या ग्लूकोमा जैसी गंभीर बीमारियों के पनपने का खतरा बढ़ सकता है।
- इसलिए मायोपिया गंभीर होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ सर्जरी का सुझाव देते है। साथ ही, काफी लोगों को चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल पसंद नहीं होता है। ऐसी स्थिति में मरीज सर्जिकल इलाज का चुनाव करते है।
मायोपिया का इलाज सर्जरी से कैसे किया जाता है ?
- मायोपिया की सर्जरी को कई तरह से किया जाता है। इसमें लेजर इन सीटू किरेटोमिल्युसिस (लेसिक), लेजर असिस्टेड सबएपिथेलियल किरेटोमिल्युसिस, फोटोरिफ्रेक्टिव केरटेक्टोमी और इंट्राऑकुलर लेंस प्रत्यारोपण आदि शामिल है। लेकिन इन सब में लेसिक सर्जरी को मायोपिया का बेस्ट इलाज माना जाता है।
- मायोपिया की लेसिक सर्जरी के दौरान, नेत्र रोग विशेषज्ञ कॉर्निया में एक छोटा सा चीरा लगाकर उसे एक नया शेप यानि आकार प्रदान करते है। नतीजतन आँखों में आने वाली रौशनी रेटिना के आगे केंद्रित न होकर, रेटिना पर केंद्रित होती है और मरीज को चीजें साफ-साफ दिखाई देने लगती है।
- लेसिक सर्जरी को मायोपिया का सबसे प्रभावशाली इलाज माना जाता है। हमारे क्लिनिक में एडवांस और मॉडर्न लेसिक सर्जरी से मायोपिया का इलाज किया जाता है। इस सर्जरी को एक अनुभवी और विश्वसनीय नेत्र रोग विशेषज्ञ के द्वारा पूरा किया जाता है।
अगर आपको मायोपिया के इलाज के लिए सर्जरी का सहारा लेना है, तो इसके लिए आपको पंजाब में आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर का चयन करना चाहिए।
मायोपिया के दौरान दिखने वाले लक्षण ?
- धुंधली दृष्टि की समस्या।
- स्क्विंटिंग मायोपिया के लिए एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, क्योंकि यह आंख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को कम करके अस्थायी रूप से दृष्टि में सुधार करने में मदद कर सकता है।
- आंखों का तनाव।
- सिर में दर्द की समस्या।
- ड्राइविंग में कठिनाई का सामना करना।
- लगातार चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस के नुस्खे में बदलाव का आना।
- बिगड़ी हुई आंखें आदि।
मायोपिया की रोकथाम कैसे की जाती है ?
- अध्ययनों से पता चला है कि अधिक समय बाहर बिताने से मायोपिया के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। बच्चों के लिए आउटडोर एक्टिविटी ख़ास ज़रूरी है।
- लंबे समय तक पढ़ने, लिखने या कंप्यूटर, स्मार्टफोन का उपयोग करने से मायोपिया का खतरा बढ़ सकता है। बार-बार ब्रेक लेने और हर 20 मिनट में स्क्रीन या किताब से दूर देखने और आंख की मांसपेशियों को आराम देने के लिए किसी दूर की वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है।
- खराब पॉस्चर से आंखों में खिंचाव हो सकता है और मायोपिया का विकास हो सकता है। पढ़ने, लिखने या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करते समय अच्छी मुद्रा बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
- एक स्वस्थ आहार जो विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है, विशेष रूप से विटामिन ए और सी, आंखों के स्वास्थ्य का समर्थन करने और मायोपिया के जोखिम को कम करने में मददगार साबित होते है।
- नियमित आँखों की जाँच से किसी भी दृष्टि परिवर्तन का जल्द पता लगाने में मदद मिल सकती है और शीघ्र उपचार भी किया जा सकता है।
- पढ़ने, लिखने या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करते समय पर्याप्त प्रकाश होना महत्वपूर्ण है। सुनिश्चित करें कि प्रकाश स्रोत बहुत उज्ज्वल या बहुत मंद ना हो।
- यदि आपके पास मायोपिया का पारिवारिक इतिहास है या आपकी दृष्टि में कोई बदलाव दिखाई देता है, तो आंखों की जांच और सुधारात्मक लेंस के लिए नेत्र चिकित्सक के पास जाना जरूरी है।
सुझाव :
आप मायोपिया की समस्या से बहुत ज्यादा परेशान है तो इससे बचाव के लिए आपको मित्रा आई हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। वहीं आपको बता दे की हमारे हॉस्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ को मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टिग्मेटिज्म की गहरी समझ और लेसिक सर्जरी में महारत हासिल है। ये सर्जन अब तक मायोपिया की हजारों सफल लेसिक सर्जरी कर चुके है। अगर आप भी अपने शहर के बेस्ट क्लिनिक में कम से कम खर्च में मात्र एक दिन में मायोपिया से छुटकारा पाना चाहते है, तो इस हॉस्पिटल से संपर्क करें।
निष्कर्ष :
आँखों में किस भी तरह की समस्या गंभीर मानी जाती है, इसलिए अगर आपको भी दूर की वस्तुओं को देखने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो इससे बचाव के लिए आपको किसी अनुभवी डॉक्टर के संपर्क में आना चाहिए। और ध्यान रहें किसी भी तरह की सर्जरी को करवाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।