Epiphora (Watery Eyes) आंखों में बार बार पानी क्यों आता है इसके कारण व इलाज
Epiphora (Watery Eyes): आँखों में पानी कई बार गलत जीवन शैली को अपनाने से आता है। जैसे ज्यादा फ़ोन चलाना, समय पर न सोना, स्वास्थ्य और पौष्टिक आहार न लेना आदि। इसके इलावा ये समस्या क्यों उत्पन होती है, हम उसके बारे में आज के इस लेख में बात करेंगे ;
Epiphora (Watery Eyes) आंखों में पानी क्यों आता है ?
आंखों में पानी आने की क्या समस्या है हम उसके बारे में निम्न में बात करेंगे ;
- आंखों में पानी इसलिए आता है, जब हमारी आंखे कई बार सूखेपन के रास्ते से होकर गुजरती है। और ऐसा तब होता है जब हमारे शरीर में पानी, तेल और बलगम का बैलेंस ठीक नहीं रहता है. इससे आंखें सूखने लगती हैं और आंख से आंसू जैसा निकलने लगते है. गुलाबी आंखों से पानी आने की वजह इंफेक्शन, बैक्टीरिया या वायरस का संक्रमण हो सकता है।
- आंखों में पानी आना, जिसे एपिफोरा या टियरिंग के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लगातार आंखों में से आंसू या पानी आता रहता है. पानी आने पर अगर कोई आंख को जोर से रगड़ता है तो उसकी आंख लाल भी हो जाती है।
यदि आंखों में पानी आने की वजह से आपको नजदीक या दूर का कुछ भी देखने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो जल्द ही लेसिक सर्जरी पंजाब का चयन करे।
आंखों में पानी आने के कारण क्या है ?
इसके कारणों के बारे में जानना बहुत जरूरी है, तभी जाकर आप इस समस्या से खुद का बचाव कर पाएगे ;
- पहला कारण तो सूखी आंखें है।
- आँख का आना।
- एलर्जी की समस्या भी हो सकती है।
- अवरुद्ध आंसू वाहिनी का होना।
- आँसुओं का अधिक उत्पादन होना।
- बरौनी की समस्या का उत्पन होना।
- ब्लेफेराइटिस की समस्या।
- प्रयाप्त नींद न लेने की वजह से भी आंखों में पानी आने की समस्या हो सकती है।
आंखों में पानी आने के और क्या कारण है इसके बारे में जानने के लिए आप आंखों का स्पेशलिस्ट डॉक्टर पंजाब के पास जरूर से जाए।
इलाज क्या है आंखो में पानी से निजात दिलवाने का ?
इसके इलाज निम्न प्रस्तुत है ;
जलन की समस्या :
- यदि आंखों में पानी संक्रामक नेत्रश्लेष्मलाशोथ के कारण होता है, तो डॉक्टर यह देखने के लिए एक या दो सप्ताह इंतजार करना पसंद कर सकते हैं कि क्या एंटीबायोटिक दवाओं के बिना समस्या ठीक हो जाती है।
ट्राइकियासिस :
- एक बरौनी जो अंदर की ओर बढ़ती है, या कुछ बाहरी वस्तु जो आंख में फंस उसे डॉक्टर निकाल देते है जिससे पानी आने की समस्या काफी हद तक ख़त्म हो जाती है।
बहिर्वर्त्मता :
- पलक बाहर की ओर मुड़ जाती है, तो रोगी को सर्जरी से गुजरना पड़ सकता है जिसमें बाहरी पलक को पकड़ने वाले कण्डरा को निचोड़ा जाता है।
अवरुद्ध आंसू नलिकाएं :
- सर्जरी लैक्रिमल थैली से नाक में एक नया चैनल बना सकती है। यह आंसू को आंसू वाहिनी के अवरुद्ध हिस्से को बायपास करने की अनुमति देता है। इस सर्जिकल प्रक्रिया को डेक्रियोसिस्टोरिनोस्टोमी (डीसीआर) कहा जाता है।
यदि आंखों में आंसू की समस्या ने आपको ज्यादा परेशान कर रखा है तो उपरोक्त इलाज के लिए आप मित्तरा आई हॉस्पिटल का चयन भी आप कर सकते है।
निष्कर्ष :
आंखों में पानी आने की समस्या क्यों उत्पन होती है, ये तो आपने और हमने जान ही लिया है। इसलिए आप भी अगर इस समस्या की वजह से परेशान है और इससे निजात पाना चाहते है तो उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखें।